हाल के दशकों में सोशल मीडिया के उदय के साथ, शिक्षकों ने स्कूली उम्र के युवाओं के बीच साइबर धमकी और पारंपरिक बदमाशी दोनों में वृद्धि देखी है। बदलाव लाने की दिशा में पहला कदम शिक्षा है। फैकल्टी, स्टाफ, माता-पिता और छात्रों को बदमाशी की पहचान करने, जवाब देने और रोकने के लिए शिक्षित होने की आवश्यकता है।