लता किताबें समेटते हुए उनके पन्ने पलटती है और उन्हें पढ़ने की कोशिश करती है।
लता दीदी, क्या तुम भी हमारे जैसे पढ़ना चाहती हो? हम तुम्हें पढ़ाएंगे।
ऑफिस के कमरे में
मैं पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बन चुकी हूँ और इस कंपनी की कर्ता भी हूँ । पर , क्या मेरे गाँव की लड़कियों की स्थिति अभी भी वैसी है, जैसे पहली थी?
लता अपने घर मां और पिता जी से मिलने जाती है
माँ, यह सब मेरी शिक्षा के कारण ही हो पाया है और यही शिक्षा मैं आज अपने गाँव के अन्य बच्चों को भी प्रदान करना चाहती हूँ। आज मैं एक सफल और आर्थिक रूप से समर्थ नारी हूँ और अब मैं अपने अर्जित किये हुए धन का सदुपयोग करना चाहती हूँ।
आज मुझ तुझ पे अत्यंत गर्व है बेटी।
कितनी बढ़ी हो गयी हो लता! कितना बदलाव आ गया है तुममे!
लता मुस्कुराती है और ऐसे ही काम करते और पढ़ते १५ साल बीत जाते हैं।
लता द्ववारा निर्मित विद्यालय में बच्चों को मुफ्त में श्रेष्ठ शिक्षा मिलती हैं।
लता कई वर्षों बाद अपने गाँव लौटती है।
धन्यवादधन्यवाद
माता जी वे पिता जी लता की सफलता के कारण लता पे गर्व करते हैं
लता उद्यमी के बच्चों द्वारा प्रदान की गई शिक्षा के लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हैं| वह हमेशा समर्थन के लिए उनका धन्यवाद करती हैं।
Bolo vytvorených viac ako 30 miliónov storyboardov