यह कहानी जापान में हो रही है। लेखक और उसका दोस्तबात कर रहे हैं/
यहां रहने वालों को किस तरह की बीमारी ज्यादा होती हैइसका कारण क्या है
मानसिक. अस्सी प्रतिशत लोगों को होती है यह बीमारी.हमारे जीवन की रफ्तार बढ़ यहां कोई नहीं चलता, लेकिन वे दौड़ते हैं| कोई नहीं बोलता लेकिन वेबकताहैं
लेकिन वे ऐसा क्यों करते हैं
क्योंकि वे अमेरिका से मुकाबला करना चाहते हैं। वे एक महीने का काम एक दिन में ही पूरा करने की कोशिश करेंगेयहीकारण है कि उन्हें काफी मानसिक परेशानी होती है
ठीक चलो चलते हैं
शाम के समय मैं तुम्हें चाय समारोह में ले चलूँगा। यहाँ जापान में लोग इसेचा - नो – यूकहते हैं
वह एक छः मंजिली इमारत थी जिसकी छत पर दफ़्ती की दीवारोंवाली और तातामी (चटाई) की ज़मीनवाली एक सुंदर पर्णकुटी थी। बाहर बेढब-सा एक मिट्टी का बर्तन था। उसमें पानी भरा हुआ था। हमने अपने हाथ-पाँव इस पानी से धोए। तौलिए से पोंछे और अंदर गए। अंदर ‘चानीज़’ बैठा था।
उस जगह का वातावरण इतना अधिक शांत था कि चाय बनाने वाले बरतन में उबलते हुए पानी की आवाज़ें तक सुनाई दे रही थी।चाय तैयार हुई। फिर वे प्याले हमारे सामने रख दिए गए। वहाँ हम तीन मित्र ही थे। इस विधि में शांति मुख्य बात होती है। इसलिए वहाँ तीन से अधिक आदमियों को प्रवेश नहीं दिया जाता।हम ओठों से प्याला लगाकर एक-एक बूँद चाय पीते रहे। करीब डेढ़ घंटे तक चुसकियों का यह सिलसिला चलता रहा।
लेकिन धीरे -धीरे लेखक ने महसूस किया कि उनके दिमाग की रफ़्तार कम होने लेगी है/ और कुछ समय बाद तो लगा कि दिमाग बिलकुल बंद ही हो गया है।यहाँ तक की लेखक का मन इतना शांत हो गया था की बाहर की शांति भी शोर लग रही थी।
लेखक हमें बताना चाहते हैं कि हम लोग या तो बीते हुए दिनों की अच्छी-बुरी यादों में उलझ कर रह जाते हैं या फिर आने वाले समय के बारे में सपने देखने लगते हैं। हम लोग या तो बीते हुए दिनों में रहते हैं या आने वाले दिनों में। जबकि दोनों ही समय झूठे होते हैं।लेखक कहते हैं कि जीना किसे कहते यह उनको चाय समारोह वाले दिन मालूम हुआ। जापानियों को ध्यान लगाने की यह परंपरा विरासत में देन में मिली है।
Bolo vytvorených viac ako 30 miliónov storyboardov