Szukaj
  • Szukaj
  • Moje Scenorysy

jhdebdxn

Utwórz Storyboard
Skopiuj tę scenorys
jhdebdxn
Storyboard That

Stwórz własną Storyboard

Wypróbuj za darmo!

Stwórz własną Storyboard

Wypróbuj za darmo!

Tekst Storyboardowy

  • रात को तुलसी लेटे तो वह पुरानी बात याद आयी, जब रामू के जन्मोत्सव में उन्होंने रुपये कर्ज लेकर जलसा किया था, और सुभागी पैदा हुई, तो घर में रुपये रहते हुए भी उन्होंने एक कौड़ी न खर्च की। पुत्र को रत्न समझा था, पुत्री को पूर्व-जन्म के पापों का दंड। वह रत्न कितना कठोर निकला और यह दंड कितना मंगलमय।
  • पंचो, अब रामू का और मेरा एक में निबाह नहीं होता। मैं चाहता हूँ कि तुम लोग इंसाफ से जो कुछ मुझे दे दो, वह लेकर अलग हो जाऊँ। रात-दिन की किच-किच अच्छी नहीं।
  • जब एक में गुजर न हो, तो अलग हो जाना ही अच्छा है।एक बात हो तो बताऊँ।साहब, एक में मेरा इनके साथ निबाह न होगा। बस मैं और कुछ नहीं जानता।
  • क्यों जी, तुम अपने बाप से अलग रहना चाहते हो ? तुम्हें शर्म नहीं आती कि औरत के कहने से माँ-बाप को अलग किये देते हो ? राम ! राम !तुमको एक में क्या कष्ट होता है ?कुछ तो बतलाओ।
  • दादा, यह सब बाँट-बखरा मेरे ही कारन तो हो रहा है, मुझे क्यों नहीं अलग कर देते
  • बेटी, हम तुझे न छोड़ेंगे चाहे संसार छूट जाय ! रामू का मैं मुँह नहीं देखना चाहता, उसके साथ रहना तो दूर रहा।
  • बँटवारा होते ही महतो और लक्ष्मी को मानों पेंशन मिल गयी। पहले तो दोनों सारे दिन, सुभागी के मना करने पर भी कुछ-न-कुछ करते ही रहते थे; पर अब उन्हें पूरा विश्राम था।सात-आठ दिन से महतो को जोर का ज्वर चढ़ा हुआ था।सुभागी उनकी यह दशा देखते ही रामू के घर गयी और बोली- भैया, चलो, देखो आज दादा न जाने कैसे हुए जाते हैं। सात दिन से ज्वर नहीं उतरा। लेकिन रामू नहीं आया।
  • लक्ष्मी ने दाह-क्रिया की। इन थोड़े से दिनों में सुभागी ने न जाने कैसे रुपये जमा कर लिये थे कि जब तेरही का सामान आने लगा तो गाँववालों की आँखें खुल गयीं। बरतन, कपड़े, घी, शक्कर, सभी सामान इफरात से जमा हो गये। रामू देख-देख जलता था। और सुभागी उसे जलाने के लिए सबको यह सामान दिखाती थी।
  • आपने जोड़ लिया कुल कितने रुपये उठे ?कुछ नहीं यों ही पूछती थी।'मैं इन रुपयों की देनदार हूँ
  • वह पूछकर क्या करोगी बेटी ?'कोई तीन सौ रुपये उठे होंगे। 'तुमसे तो मैं माँगता नहीं। महतो मेरे मित्र और भाई थे। उनके साथ कुछ मेरा भी तो धर्म है।'
Utworzono ponad 30 milionów scenorysów