Paieška
  • Paieška
  • Mano Siužetinės Lentos

साधू के तीन उपदेश

Sukurkite Siužetinę Lentą
Nukopijuokite šią siužetinę lentą
साधू के तीन उपदेश
Storyboard That

Sukurkite savo siužetinę lentą

Išbandykite nemokamai!

Sukurkite savo siužetinę lentą

Išbandykite nemokamai!

Siužetinės Linijos Tekstas

  • राजकुमार नेवले को साथ लेकर आगे चल पड़ा। एक तालाब के पास पहुँचकर वह रुक गया । यहाँ नेवला एक बिल में जा घुसा और फिर बाहर न आया। राजकुमार थोड़ी देर प्रतीक्षा करने के बाद वहाँ से चल पड़ा।
  • उस गाँव में ठग रहते थे। ठगों के चौधरी के चार पुत्र और दो पुत्रियाँ थीं। पुत्रियाँ ज्योतिष-विद्या खूब जानती थीं। जब कोई परदेसी नगर में आता था तो वे बतला देती थीं कि उसके पास कितना धन-माल है। ठग के चारों पुत्र गाँव की चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता, उसे ठग लेते थे। जो उनसे बच निकलता था, उसे उनका पिता-ठगों का चौधरी चौरास्ते पर ठग लिया करता था। राजकुमार उस गाँव में एक कोने से घुसा। ठग-पुत्रों से तो वह बच निकला।
  • लेकिन जब वह चौरास्ते पर पहुँचा तो वहाँ उसे ठगराज मिला। ठगराज की पुत्री ने उसे बताया था कि राजकुमार आ रहा है और उसने अपनी जाँघ में चार लाल छिपा रखे हैं। ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की वह कहने लगा,"तुम कोई राजकुमार दिखते हो। साँझ होने वाली है। यहाँ से दूर दूर तक कोई गाँव नहीं है। आज रात मेरे घर ही आराम कर लो।" राजकुमार ने उसकी बात मान ली।
  • तुम कोई राजकुमार दिखते हो। साँझ होने वाली है। यहाँ से दूर दूर तक कोई गाँव नहीं है। आज रात मेरे घर ही आराम कर लो।
Sukurta daugiau nei 30 milijonų siužetinių lentelių