Traži
  • Traži
  • Moje Ploče s Pričama

साधू के तीन उपदेश

Napravite Storyboard
Kopirajte ovaj Storyboard
साधू के तीन उपदेश
Storyboard That

Izradite vlastiti Storyboard

Isprobajte besplatno!

Izradite vlastiti Storyboard

Isprobajte besplatno!

Storyboard Tekst

  • चलते-चलते वह एक तालाब के पास जा पहुँचा। उसने देखा कि एक चील एक नेवले को लेकर उड़ गई। राजकुमार ने झट एक पत्थर मारा जो चील को जा लगा।
  • चील ने नेवले को छोड़ दिया। राजकुमार को साधु की बात याद आ गई कि मार्ग में अकेला न चले। उसने समझा,परमात्मा ने मुझे राह का एक साथी दिया है। उसने नेवले को उठाकर झोली में रख लिया।
  • राजकुमार आगे चला। वह दोपहर के समय एक पाकड़ के पेड़ के नीचे जा ठहरा। नेवले को झोली से निकालकर उसने बाहर रख दिया और झोले को सिरहाने रखकर लेट गया। बहुत थका हुआ था, इसलिए लेटते ही उसे नींद आ गई। उस पेड़ की जड़ में एक साँप रहता था। उसकी मित्रता एक कौए और सियार से थी। जब कोई यात्री उस पेड़ के नीचे आकर सोता, तो कौआ काँव-काँव करने लगता । आवाज सुनकर सियार आ जाता और जोर-जोर से चिल्लाता। उसका चिल्लाना सुनकर बिल में से साँप निकलता और सोए हुए यात्री को काट लेता। यात्री मर जाता और कौआ तथा सियार कई दिन तक उसे खाकर उत्सव मनाते रहते थे।
  • राजकुमार को सोता देखकर कौआ काँव-काँव बोलने लगा। उसकी काँव-काँव सुनकर सियार वहाँ आया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसकी चिल्लाहट सुनकर बिल में से साँप निकल आया। ज्यों ही साँप ने राजकुमार के पैर के अँगूठे में काटने का प्रयत्न किया, त्यों ही नेवला उस पर झपटा। थोड़ी देर साँप और नेवले की लड़ाई हुई। साँप घायल होकर जान बचाने के लिए बिल में जा घुसा। उनकी लड़ाई के शोर से राजकुमार की आँख खुल कहने लगा, अहा-हा,क्या नींद आई थी। यदि नेवले को साथ न लिया होता, तो प्राण न बचते।
Izrađeno više od 30 milijuna scenarija