एक बार एक क्रूर व्यक्ति ने एक धनी व्यापारी की हत्या दी । हत्या के बाद, जबवह मृत व्यापारी के घर से भागने की कोशिश कर रहा होता हे , तो उसे धनी व्यापारी का परिवार देख लेता है।
वे चिल्लाने लगे और जल्द ही भारी भीड़ ने हत्यारे का पीछा करना शुरू कर दिया। भागते समय कातिल को कुछ खंडहर मिले और रात भर उसी में छिपे रहे।
भागो !
अगली सुबह
ये तो वही कातिल है जिसने कल एक अमीर व्यापारी की मृत्यु कर दी थी। पकड़ो इसे !
शीघ्र ही वह एक नदी पर पहुँच गया। अचानक एक भेड़िया उस पर हमला करने आया गया। इसलिए हत्यारा एक पेड़ पर चढ़ गया।
बचाओ !
मेरे साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है?
कुछ देर बाद उसे पत्तों की सरसराहट सुनाई दी। उसने मुड़कर देखा कि पेड़ की शाखाओं में एक बड़ा नाग था।
खुद को बचाने के लिए हत्यारे ने नदी में छलांग लगा दी। नदी के मगरमच्छों ने उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
तो यह सच है कि प्रकृति हमेशा न्याय करती है। कातिल ने किसी की जिंदगी खत्म कर दी थी इसलिए प्रकृति ने उसकी जिंदगी खत्म कर दी।