महाराज, दौलत केवल सोने और चांदी में नहीं होती, बल्कि आपकी प्रजा की खुशहाली और समृद्धि में भी होती है। क्या मैं एक ऐसा उपाय सुझा सकता हूँ जो न केवल हमारे खजाने को भर देगा बल्कि हमारी प्रजा को भी खुशहाल करेगा?
तेनाली राम, मैंने सुना है कि हमारे खजाने में खर्चा ज्यादा हो रहा है और आमदनी कम है। तुम क्या सुझाव देते हो कि हम अपनी दौलत कैसे बढ़ा सकते हैं?
मैं उत्सुक हूँ, तेनाली। कृपया, अपना विचार बताओ।
Libisema: 2
महोत्सव? लेकिन क्या इसका प्रारंभिक खर्च बहुत अधिक नहीं होगा?
आइए, एक भव्य महोत्सव का आयोजन करें, जिसमें राज्यभर के व्यापारी और कलाकार आएंगे। इससे व्यापार बढ़ेगा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा, और हमारे खजाने को लाभ मिलेगा।
Libisema: 3
सही कहा, महाराज। यह निवेश कई गुना लाभ देगा। व्यापारी स्टालों के लिए भुगतान करेंगे, कलाकार भीड़ आकर्षित करेंगे, और आगंतुक स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देंगे। साथ ही, विजयनगर की समृद्धि प्रदर्शित होगी, जिससे भविष्य में और व्यापार आएगा।
तुम्हारी बात समझ में आ रही है, तेनाली। एक भव्य महोत्सव वास्तव में एक शानदार विचार हो सकता है। इससे हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी मजबूत होगी और हमारी प्रजा को भी आनंद मिलेगा।
Loodud üle 30 miljoni süžeeskeemi
Proovimiseks Pole Vaja Allalaadimist, Krediitkaarti ega Sisselogimist!