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कुछ दूर चलने पर राजकुमार एक गाँव जा पहुंचा जिसका नाम ठगपुर था | यहाँ ठग रहते थे | ठगों के चौधरी के चार पुत्र और दो पुत्रियाँ थी | पुत्रियाँ ज्योतिष-विद्या जानती थी | जब कोई परदेसी नगर में आता तो वह बता देती की उसके पास कितना धन है |

ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |

राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

ठगराज मिला | उसकी पुत्री ने उसे बताया था की राजकुमार ने अपनी जाँघ में चार लाल छुपा रखे

थे | ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की |

तुम कोई राजकुमार दिखते हो | सांझ


होने वाली है, दूर-दूर तक कोई गाँव


नहीं है | आज रात मेरे घर ही आराम करलो |

राजकुमार ने उसकी बात मान ली और वह उसके साथ चला गया |

ठगराज ने विष मिलाकर नाना प्रकार के व्यंजन तैयार करवाए |


उन्हें राजकुमार के आगे परोसकर चला गया |

पहले मुझे इसकी जांच - पड़ताल करनी होगी | गुरुदेव के तीसरे उपदेश के अनुसार |

राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |

ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

ओह ! ठगों के चंगुल में फस गया | जान बचाने के लिए विवाह करने का वचन दे देता हूँ |

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कुछ दूर चलने पर राजकुमार एक गाँव जा पहुंचा जिसका नाम ठगपुर था | यहाँ ठग रहते थे | ठगों के चौधरी के चार पुत्र और दो पुत्रियाँ थी | पुत्रियाँ ज्योतिष-विद्या जानती थी | जब कोई परदेसी नगर में आता तो वह बता देती की उसके पास कितना धन है |

ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |

राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

ठगराज मिला | उसकी पुत्री ने उसे बताया था की राजकुमार ने अपनी जाँघ में चार लाल छुपा रखे

थे | ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की |

तुम कोई राजकुमार दिखते हो | सांझ


होने वाली है, दूर-दूर तक कोई गाँव


नहीं है | आज रात मेरे घर ही आराम करलो |

राजकुमार ने उसकी बात मान ली और वह उसके साथ चला गया |

ठगराज ने विष मिलाकर नाना प्रकार के व्यंजन तैयार करवाए |


उन्हें राजकुमार के आगे परोसकर चला गया |

पहले मुझे इसकी जांच - पड़ताल करनी होगी | गुरुदेव के तीसरे उपदेश के अनुसार |

राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |

ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

ओह ! ठगों के चंगुल में फस गया | जान बचाने के लिए विवाह करने का वचन दे देता हूँ |

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कुछ दूर चलने पर राजकुमार एक गाँव जा पहुंचा जिसका नाम ठगपुर था | यहाँ ठग रहते थे | ठगों के चौधरी के चार पुत्र और दो पुत्रियाँ थी | पुत्रियाँ ज्योतिष-विद्या जानती थी | जब कोई परदेसी नगर में आता तो वह बता देती की उसके पास कितना धन है |

ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |

राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

ठगराज मिला | उसकी पुत्री ने उसे बताया था की राजकुमार ने अपनी जाँघ में चार लाल छुपा रखे

थे | ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की |

तुम कोई राजकुमार दिखते हो | सांझ


होने वाली है, दूर-दूर तक कोई गाँव


नहीं है | आज रात मेरे घर ही आराम करलो |

राजकुमार ने उसकी बात मान ली और वह उसके साथ चला गया |

ठगराज ने विष मिलाकर नाना प्रकार के व्यंजन तैयार करवाए |


उन्हें राजकुमार के आगे परोसकर चला गया |

पहले मुझे इसकी जांच - पड़ताल करनी होगी | गुरुदेव के तीसरे उपदेश के अनुसार |

राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |

ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

ओह ! ठगों के चंगुल में फस गया | जान बचाने के लिए विवाह करने का वचन दे देता हूँ |

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ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |

राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

ठगराज मिला | उसकी पुत्री ने उसे बताया था की राजकुमार ने अपनी जाँघ में चार लाल छुपा रखे

थे | ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की |

तुम कोई राजकुमार दिखते हो | सांझ


होने वाली है, दूर-दूर तक कोई गाँव


नहीं है | आज रात मेरे घर ही आराम करलो |

राजकुमार ने उसकी बात मान ली और वह उसके साथ चला गया |

ठगराज ने विष मिलाकर नाना प्रकार के व्यंजन तैयार करवाए |


उन्हें राजकुमार के आगे परोसकर चला गया |

पहले मुझे इसकी जांच - पड़ताल करनी होगी | गुरुदेव के तीसरे उपदेश के अनुसार |

राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |

ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

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ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |

राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

ठगराज मिला | उसकी पुत्री ने उसे बताया था की राजकुमार ने अपनी जाँघ में चार लाल छुपा रखे

थे | ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की |

तुम कोई राजकुमार दिखते हो | सांझ


होने वाली है, दूर-दूर तक कोई गाँव


नहीं है | आज रात मेरे घर ही आराम करलो |

राजकुमार ने उसकी बात मान ली और वह उसके साथ चला गया |

ठगराज ने विष मिलाकर नाना प्रकार के व्यंजन तैयार करवाए |


उन्हें राजकुमार के आगे परोसकर चला गया |

पहले मुझे इसकी जांच - पड़ताल करनी होगी | गुरुदेव के तीसरे उपदेश के अनुसार |

राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |

ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

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राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

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राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

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ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

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ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |

राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

ठगराज मिला | उसकी पुत्री ने उसे बताया था की राजकुमार ने अपनी जाँघ में चार लाल छुपा रखे

थे | ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की |

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राजकुमार ने उसकी बात मान ली और वह उसके साथ चला गया |

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पहले मुझे इसकी जांच - पड़ताल करनी होगी | गुरुदेव के तीसरे उपदेश के अनुसार |

राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |

ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

ओह ! ठगों के चंगुल में फस गया | जान बचाने के लिए विवाह करने का वचन दे देता हूँ |

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ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |

राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसे

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राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |

खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |

ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |

यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |

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  • ठग के चारों पुत्र चारों दिशाओं में चले जाते थे और जो यात्री मिलता उसे ठग लेते थे | जो उनसे बच निकलता उसे उनका पिता ठगों का चौधरी ठग लेता |
  • कुछ दूर चलने पर राजकुमार एक गाँव जा पहुंचा जिसका नाम ठगपुर था | यहाँ ठग रहते थे | ठगों के चौधरी के चार पुत्र और दो पुत्रियाँ थी | पुत्रियाँ ज्योतिष-विद्या जानती थी | जब कोई परदेसी नगर में आता तो वह बता देती की उसके पास कितना धन है |
  • राजकुमार ने उसकी बात मान ली और वह उसके साथ चला गया |
  • राजकुमार गाँव में घुसा | ठगपुत्रों से तो वह बच गया परंतु जब वह रास्ते पर पहुंचा तो वहाँ उसेठगराज मिला | उसकी पुत्री ने उसे बताया था की राजकुमार ने अपनी जाँघ में चार लाल छुपा रखेथे | ठगराज ने राजकुमार के आने पर उसकी खूब आवभगत की |
  • तुम कोई राजकुमार दिखते हो | सांझ होने वाली है, दूर-दूर तक कोई गाँव नहीं है | आज रात मेरे घर ही आराम करलो |
  • ठगराज ने विष मिलाकर नाना प्रकार के व्यंजन तैयार करवाए | उन्हें राजकुमार के आगे परोसकर चला गया |
  • पहले मुझे इसकी जांच - पड़ताल करनी होगी | गुरुदेव के तीसरे उपदेश के अनुसार |
  • राजकुमार ने पूजा के बहाने से थोड़ी - थोड़ी सब्जी ली और सड़क पर एक कुत्ते को खिला दिया |खाते ही कुत्ता चित होकर गिरा और मर गया | राजकुमार ने थाली उठाकर सारा खाना गड्ढ़े में फेंक कर बर्तन मांज दिए |
  • ओह ! ठगों के चंगुल में फस गया | जान बचाने के लिए विवाह करने का वचन दे देता हूँ |
  • यहाँ तुम्हारी जान खतरे में है | तुम बचकर नहीं जा सकते | मैं तुम्हारी जान बचा लुंगी, अगर तुम मेरे साथ विवाह करने का वचन दो |
  • ठगराज की बेटी का कौतूहल बढ़ गया | उसके राजकुमार के हाथ - पाँव खोल दिए और उसकी छाती पर से उतरकर बैठ गई |
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